मुख्यमंत्री के गृह जिले में खुलेआम ठगी, लेकिन पुलिस बेखबर!
एक ऐसा ठग जो तीन शहरों में खुलेआम वारदात कर चुका है, दर्जनों व्यापारियों को लाखों का चूना लगा चुका है, उसका अब तक पुलिस के हाथ न लगना, पूरे पुलिस सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहा है।
पहचान भी उजागर, तरीका भी साफ, फिर भी पुलिस लाचार!
उज्जैन, सांवेर और शुजालपुर में एक जैसे अंदाज़ में ठगी कर चुका यह युवक खुद को सिगरेट कंपनी (आईटीसी) का कर्मचारी बताकर व्यापारियों से सिगरेट निकलवाता है और मौका मिलते ही ठगी कर भाग जाता है।
इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर CCTV फुटेज भी वायरल हैं, रीलें चलाई जा रही हैं – जिसमें इस शातिर चोर की हरकतें साफ नजर आ रही हैं। फिर भी पुलिस अब तक खाली कागज पर “आवेदन” ही ले रही है, कार्रवाई शून्य है।
भीड़ का फायदा उठाकर उड़ाया माल, बोरे में रखे सिगरेट के पैकेट पार
5 मार्च को सांवेर में और 31 मार्च को उज्जैन के ऋषिनगर स्थित बाबा प्रोव्हिजन स्टोर पर चोर ने दुकानदारों को झांसा देकर बोरे में महंगा सामान भरवा लिया, और फिर पानी या सब्जी लाने का बहाना बनाकर चंपत हो गया। जब दुकानदारों ने बोरा चेक किया, तो लाखों का माल गायब था।
29 हजार का चूना – पत्थर से भरी बोरी थमा भागा चोर
2 अप्रैल को शुजालपुर में गोविंद परमार नाम के किराना सेल्समैन को इस चोर ने ठगा। खुद को आईटीसी का कर्मचारी बताते हुए गोविंद से 29 हजार की सिगरेट का सौदा किया, पैसे लिए और बदले में पत्थर व खाली पैकेटों से भरी बोरी थमा दी। पीड़ित ने पुलिस को ऑडियो सबूत भी दिया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक केवल ‘आवेदन’ लिया गया है।
पुलिस कार्रवाई नहीं, उल्टा पीड़ित से ही सबूत मांगती है!
सबसे बड़ा सवाल – जब सबूत, वीडियो, ऑडियो सब कुछ है, तो अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं? पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस उनसे ही बार-बार “सबूत लाओ, जानकारी दो” कहकर पल्ला झाड़ रही है। क्या ठगी का शिकार होना ही अब अपराध बन गया है?
मुख्यमंत्री जी, क्या आपके ही गृह जिलों में अपराधियों को खुली छूट है?
जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री गृह जिले में इस तरह की वारदातें लगातार हो रही हों, वहां आम जनता और छोटे व्यापारी कैसे सुरक्षित महसूस करें? पुलिस प्रशासन की लापरवाही अब जनता के सब्र का इम्तिहान ले रही है।
अब जनता पूछ रही है: आख़िर कब जागेगी पुलिस? कब पकड़ा जाएगा ये ‘रील स्टार चोर’?
