शाजापुर। हाल ही में राजगढ़ जिले के जीरापुर में आयकर विभाग द्वारा की गई सर्वे कार्रवाई के बाद अब शाजापुर जिले में भी विभाग ने अपनी नजरें टेढ़ी कर ली हैं।
सूत्रों के अनुसार, फर्जी तरीके से आयकर रिफंड लेने के मामलों में विभाग ने सख्ती बरतते हुए जांच तेज कर दी है। व्यापारी वर्ग और मुख्य रूप से सर्विस क्लास के लोग बड़ी संख्या में पिटीशनरों के माध्यम से आयकर रिफंड क्लेम करते हैं, जिसमें अनियमितताओं की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
आयकर रिफंड में फर्जीवाड़ा पड़ सकता है भारी

आयकर विभाग ने ऐसे मामलों की जांच शुरू कर दी है, जिनमें फर्जी दस्तावेजों और अनियमित तरीकों से रिफंड क्लेम किए गए हैं। गलत तरीके से टैक्स बचाने के लिए कई लोग विभिन्न हथकंडे अपनाते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से रिफंड क्लेम
✔ फर्जी टीडीएस (TDS) प्रमाणपत्र: अधिक कटौती दिखाकर रिफंड बढ़ाना।
✔ गलत बैंक खाते या पते का उपयोग: किसी और के विवरण का दुरुपयोग।
✔ झूठे खर्च दिखाना: कर योग्य आय को कम करके रिफंड बढ़ाना।
- गलत तरीके से टैक्स छूट और कटौती का दावा
✔ सेक्शन 80C, 80D, 10(10D) के तहत फर्जी छूट क्लेम करना।
✔ फर्जी दान (Donation) दिखाना: बिना दान किए ज्यादा छूट लेना।
✔ फर्जी लोन और निवेश दिखाकर टैक्सेबल इनकम कम करना।
- गलत इनकम डिटेल्स देकर अधिक रिफंड लेना
✔ आय को कम दिखाना और फर्जी कटौतियां जोड़ना।
✔ गैर-कानूनी स्रोतों से हुई आय को छुपाना।
- बोगस कंपनियों के माध्यम से टैक्स रिफंड लेना
✔ फर्जी कंपनियां बनाकर फर्जी इनकम और कटौतियां दिखाना।
✔ फर्जी कर्मचारियों के नाम पर वेतन और टीडीएस क्लेम करना।
- अन्य व्यक्ति की जानकारी का दुरुपयोग
✔ किसी अन्य व्यक्ति के पैन (PAN) नंबर और बैंक खाते का गलत उपयोग।
✔ बड़े लेन-देन को छुपाकर टैक्स चोरी करना।
- टैक्स प्रैक्टिशनरों की भूमिका संदेह के घेरे में
सूत्रों की मानें तो कुछ टैक्स प्रैक्टिशनर अपने क्लाइंट्स को अधिक रिफंड दिलाने के लिए गलत तरीके अपना रहे हैं। यह अनियमितताएं अब आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ चुकी हैं।
जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई
आयकर विभाग ऐसे फर्जी रिफंड क्लेम को पकड़ने के लिए डेटा एनालिटिक्स, बैंक ट्रांजैक्शन और जीएसटी डेटा का मिलान कर रहा है। गलत पाए जाने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
बड़े कारोबारी और टैक्स प्रैक्टिशनर जांच के घेरे में
मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग जल्द ही बड़े कारोबारियों और टैक्स प्रैक्टिशनरों पर कार्रवाई कर सकता है। आने वाले दिनों में इस मामले में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।