शुजालपुर: शहर के जॉय किड्स एकेडमी की स्कूली बस गुरुवार को अनियंत्रित होकर कोबस नाले में जा गिरी। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन यह घटना एक बार फिर सिस्टम की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस तेज रफ्तार में थी और अचानक संतुलन बिगड़ने के कारण सीधे नाले में जा गिरी। स्थानीय लोगों ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि, इस घटना ने जिले में दौड़ रहे अनफिट और नियमों को ताक पर रखकर संचालित किए जा रहे स्कूली वाहनों की पोल खोलकर रख दी है।
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क्यों नहीं जागता प्रशासन?
हर बार किसी बड़े हादसे के बाद ही प्रशासन हरकत में आता है, लेकिन जब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक ऐसे हादसे दोहराए जाने की आशंका बनी रहती है। आखिर कब तक मासूम बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जाता रहेगा? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है?
स्कूली वाहनों की फिटनेस पर सवाल
शहर में कई स्कूल बसें बिना फिटनेस प्रमाण पत्र, बिना परमिट और ओवरलोडिंग जैसी गंभीर लापरवाहियों के साथ दौड़ रही हैं। बावजूद इसके, प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। सवाल यह उठता है कि ऐसे अवैध रूप से संचालित वाहनों को किसकी शह प्राप्त हो रही है? आखिर स्कूल माफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?
माता-पिता को भी रहना होगा सतर्क
यह घटना उन माता-पिता के लिए भी एक चेतावनी है, जो अपने बच्चों को इन बसों में बैठाकर निश्चिंत हो जाते हैं। जरूरी है कि स्कूल प्रशासन और परिवहन विभाग से बसों की फिटनेस और सुरक्षा मानकों की जानकारी लें और किसी भी अनियमितता पर आवाज उठाएं।
अब समय आ गया है कि प्रशासन केवल हादसे के बाद कार्रवाई का दिखावा करने के बजाय, समय रहते ठोस कदम उठाए। नहीं तो ऐसे हादसे होते रहेंगे, और मासूम बच्चों की जान से यूं ही खिलवाड़ किया जाता रहेगा।

