शुजालपुर मंडी में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शिव भक्त मंडल द्वारा भगवान शिव की भव्य बारात निकाली गई। यह बारात मंडी से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुनः वहीं संपन्न हुई। बारात में आकर्षक झांकियों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया, जिनमें समुद्र मंथन की थीम पर विशेष झांकी प्रस्तुत की गई।

भगवान शिव की बारात में विभिन्न रूपों का सजीव चित्रण किया गया, जिसमें कलाकारों द्वारा शानदार नृत्य प्रस्तुतियां दी गईं। भूत-प्रेतों के साथ भगवान शिव की बारात का मनोरम दृश्य श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहा।

महाशिवरात्रि के अवसर पर शहर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। शुजालपुर के प्रसिद्ध जटाशंकर महादेव मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। कैबिनेट मंत्री इंद्रर सिंह परमार ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर शहर की सुख-समृद्धि एवं शांति की कामना की।

महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस उत्सव को पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की बारात में सभी देवी-देवताओं के साथ भूत-प्रेतगण भी शामिल हुए थे, इसलिए इस पर्व का विशेष महत्व है।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन विशेष अभिषेक, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। श्रद्धालु रात्रि जागरण कर शिव मंत्रों का जाप करते हैं और भजन-कीर्तन के माध्यम से भगवान शिव की आराधना करते हैं।

शुजालपुर में निकली महाकाल की यह भव्य बारात धार्मिक आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम रही, जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और भगवान शिव की आराधना की।

